Blogvani.com आपमरूदा....: जिंदगीनामा !!

Tuesday, May 21, 2013

जिंदगीनामा !!




मैं तरन्नुम यु ही गाता चला गया .... 
न सोचा की, क्यूँ मैं गाता चला गया ....
कभी न चाहा की किसी को परेशान मैं करूँ .....
फिर भी जी ने हमें न बक्शा एक पल ....
हर समय का तो हिसाब बराबकर रखा .....
हर गलती पे हमें और जोर से चखा .....
कभी न दिया हमारे सही कदमों का हिसाब  .....
कभी न छाप सकेगी मेरे सच की वो किताब .....

जो हमें ज़ख्म ही देने थे तो क्यूँ आस दिया ....
या कहूं मौत ही देनी थी तो क्यूँ सांस दिया ....  
न मैं बदलूँगा खुद को किसी लालच में ....
क्यूंकि जीने का मज़ा है बस एक इसी सच में ....
जिंदगी क्यूँ ऐसी ही अनबूझ पहेली सी है ....
जब तक तुम जिंदा हो वो एक सहेली सी है .....
जैसे ही दम तुम्हारा खुद से निकल जाएगा ....
फिर ये याराना तुम्हारा साफ़ धुल जाएगा ....
तुम खड़े जहन्नुम इसे कोस रहे होगे ....
ये तुम्हारे ही चले जाने जश्न मनायेगा ....


ज़िंदगी रोज़ नए सपने दिखाती क्यूँ है ....
फिर सुबह तोड़ के हमको यूँ सताती क्यूँ है ....
हमने न माँगी थी हर रोज़ जीने की ये आस ....
फिर भी हर रात निर्मुयी हमें लुभाती क्यूँ है ....
आँखे बंद करने से डर हमें अब लगता है ....
खुली आँखों में ये इतना डराती क्यूँ है ....

दिन तो कट जाते हैं दुनियादारी में ....
शाम रंगीन बना लेता हूँ मैं यारी में ....
जो रात करवट में बिताना चाहूँ ....
बेशबब प्यार से पलकों को सहलाती क्यूँ है ....

कितने मजबूर हैं हम खुद के ही लिए ....
जो हमने पाया है वो न चाहा कभी अपने लिए ....
एसा क्यूँ लगता है की हमें तरसा कर के ....
ज़िन्दगी औरों के प्यास बुझाती क्यूँ है ....


 

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