गुप चुप ... एक नये नीच जाति का जन्म ...
एक ९ साल की बच्ची का ख़त...जिसकी भावनाओं को उसी के अपार्टमेन्ट के RWA वाले अंकलों ने चोट पहुँचाया....
--------------------------------------------------------------
प्यारे मजबूर Tenant बच्चों और उनके मम्मी पापाओं ...
1 अप्रैल से हमारे सोसाइटी का स्विमिंग पुल खुल गया, लेकिन अफ़सोस की हमलोग उसमे नहीं जा सकते | कारण बताया गया की हमलोग Tennat हैं |
मुश्किल से 50 मीटर के radius में adjusted उस स्प्लैश पूल में उछलने के लिए ये जरूरी है, की हमारा यहाँ एक फ्लैट हो, वो भी अपना | तो आओ सबसे पहले अपने घर में कोहराम मचाएं और मम्मी पापा से पूछें की हमारा यहाँ owend फ्लैट क्यूँ नहीं है | हम बच्चों को इससे क्या मतलब की फ्लैट की कीमत 50 लाख हो | चाहे जैसे भी हो वो हमें जल्द से जल्द घर मुहैया कराएं, रहने वाला नहीं, दिखाने वाला owned फ्लैट | और जब तक ऐसा नहीं होता तब तक " Pets and Tenant not Allowed " का बोर्ड पढो और अपने माँ बाप को कोसो |
और एक लिहाज़ से बात ठीक भी है, Owners ने मकान खरीदें हैं तो मज़ा भी पूरा का पूरा उन्हें ही मिलना चाहिए | चाहे common space के बिजली का खर्चा हम ही क्युं ना दें, जिस common space में ये जिम और पूल बने हैं | क्या पता पूल में इस्तेमाल हो रहे पानी और उसके सफाई का खर्चा भी हम ही दे रहे हों (Maintanance के नाम पर) जिसके लिए ये सारा टंटा हो रहा है | हमें ये जानने तक का हक तक नहीं है की, जो मोटा पैसा हम अपनी सहूलियत के लिए खर्च कर रहें हैं, कहीं उसी में से कुछ माल RWA के आड़ में यहाँ रह रहे कुछ owners के ऐशोआराम के चढ़ावे में तो नहीं जा रहा है | भाई हमें ये जानने का हक है ही नहीं, क्युंकी हम Tenant जो ठहरें | कुछ तो फर्क होना चाहिए मकानदार और किरायेदार में | और इसमें कोई शक नहीं, की ये बहुत बड़ा फर्क है कुछ नवधनाढ्य एवं संकीर्ण मानसिकता वाले मकान मालिकों के लिए | इन्होनें तो हम बच्चों को भी दो वर्गों में बाँट दिया | इन्हें ये तक नहीं लगा की इस फैसले ने हम बच्चों की भावनाओं के दो फाड़ कर दिए | दिल तोड़ दिया RWA वाले अंकलों ने .... खैर छोड़ो हम Tenant बच्चों की भावनाओं की क्या औकात... |
आज मुझे पहली बार ये एहसास हुआ की Highly litrate और Elite दिखाई देने वाले कुछ मकानदार, RWA के आड़ में एक नये
"अछूत" जाित को जन्म दे रहें हैं । और इसका नाम अब आप समझ ही गये होंगे
"किरायेदार या Tenant" । हमारी मजबूरी देखिए, So called Educated और Modern society में पलते बढ़ते हुए हम बच्चे, देश की राजधानी में रहने के बावजूद भी कुछ नहीं कर सकते हैं । नवधनाढ्य और छिछले मानसिकता की कोख़ से हो रहे इस नाज़ायज ज़न्म को हमें चुपचाप देखना होगा । क्योंकि इससे बचने का दो ही तरीका है, या तो खोखली मानसिकता वाले ये कुछ मकानदार, इंसान और इंसान में फर्क करना छोड़े या फिर तुरन्त में हो 50 लाख एक घर, ताकि एक ही झटके में हम कूद के अछूतों के कौम से बाहर हो जायें । तो .... बन्धुओं पहले की आस इस समय तो है नहीं, और मैं इतनी नासमझ नहीं की Pool में नहाने के चक्कर में अपने घरवालों का जीना हराम कर उन्हें 50 लाख के नीचे डाल दूँ ।
देखो मैं समझदारी की बात कर रही हूँ ना, इसी तरह तुम्हें भी समझदारी से काम लेना होगा । मुझे हैरानी होती है कि 9 साल की उम्र में भी हम बच्चे आपस में भेदभाव नहीं रखते, पर आधी से ज्यादा ज़िन्दगी जी चुके हमारे RWA वाले अंकलों के पल्ले ये छोटी सी बात क्यों नहीं पड़ती । िदखने और बातों से तो काफी समझदार ही मालूम पड़ते हैं ....चलो कोई मज़बूरी होगी उनकी .... हम उनकी सोच पर क्यूं सवाल उठायें... हमें तो अपनी सोच ठीक करनी है ।
तो दोस्तों हमें अपनी भावनाओं पर काबू रखते अपनी औकात समझ लेनी चाहिये ।
हमें अछूत घोषित कर दिया गया है .... इससे पहले की हम किसी हीन भावना से ग्रस्त हों, हम कुछ सच्चाईयों को समझ लें तो दिक्कत कम होगी । आखिर रहना तो हमें इन्हीं सामंतो के गांव में हैं ।
देखो भई मुझे तो कुछ बातें पापा ने मन में उतरवा दिया ... जो तुम्हारी समझ में आए तो समझना.. नहीं तो अपने घुटन के जिम्मेदार तुम खुद होगे । क्योंकी मुझे पता है, कि हम बच्चे अपनी उन्मुक्त भावनाओं को बहुत देर तक दबा नहीं सकते ।
तो दोस्तों हमें अब हर वक्त इस बात का हमें खास ख्याल रखना है, कि Owner बच्चें किसी भी सूरत में हमसे नाराज़ ना हो । अगर हम पार्क में खेल रहें हों हर सूरत में Owner बच्चों के सम्मान और झूठी चापलूसी का ख्याल रखना हमारा धर्म होना चाहिए । हमारी कोशिश हो कि वो हर वक्त झूले पर बैठे और हम उन्हें झुलाऐं । उनकी बदतमीज़ी भरी हरकतों को भी, हमें हंस कर टालना पड़ेगा । क्योंकी हमनें एक ग़लती की और मकानदार RWA वाले अंकलों को नहीं पची तो, तो हमें Park से Parking में समेट दिया जायेगा । हो सकता है कि एक तालिबानी फरमान जारी हो ... जिसमें ये बताया जाये कि Tenants के बच्चे किन-किन झूलों का इस्तेमाल नहीं कर सकते ।
लेकिन दोस्तों इसमें बुरा मानने वाली बात नहीं है । अव्वल हम बुरा मान ही नहीं सकते ... Tenant जो ठहरें ...
कहने का मतलब है कि किसी भी सूरत में Owners हम से नाराज़ ना हों, उनकी तानाशाही बरकरार रहे, ये हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए । नहीं तो परिणाम हमारे मां बाप को भुगतने होंगें । हमारा बोरिया बिस्तर इस Society से उठ सकता है और हमें दूसरा घर ढूढ़ना पड़े । और इसकी क्या गारांटी की वहां ऐसे ही बिमार मानसिकता के लोग न मिलें । जब हर नगर में अंधेर है तो क्यूं ना यहीं चौपट राजा की ही बादशाहत स्वीकार कर ली जाये ।
और Tenant मम्मी - पापाओं... आप तो बिल्कुल Tension मत लेना ... मंहगाई और मंदी के मार से उथल - पुथल आपके जीवन में, हमारे लिए Time हो ... ऐसा सोचना भी हमारे लिए पाप है ... निष्पक्ष सामाजिकता और बच्चों के भावनाओं के चक्कर में फंस कर... आप लपेटे में आओ... ये जायज़ नहीं है । आप हमारी पीड़ा को देखकर ... सीधे RWA से टक्कर लें या सवाल पूछो ... ऐसी जूर्रत तो बिल्कुल मत करना ... वरना हमारे चक्कर में आपका बैंड बज जायेगा ... दुनियां में इतने गलत काम हो रहें हैं तब भी तो आप चुप हो .... फिर अपने बच्चों के दुख को झेलना क्या मुश्किल है ... उल्टा अगर हम कभी Control खोयें तो आप हमें साम, दाम, दंड और भेद से समझा बुझा कर लाईन पर लाऐं ।
तो बन्धुओं फिलहाल "Tenancy" अब हमारी किस्मत है, जब तक हमारा अपना मकान नहीं हो जाता...तब तक RWA वाले चाचाओं को Thanks बोलो कि उन्होनें वक्त रहते हमारी आँखे खोल दी... बच्चों - बच्चों में फर्क करना हमें सिखाया । रफ्तार पकड़ती जिन्दगी में वैसे ही बड़ो का मेल-मिलाप तो हाय हैलो तक ही रह गया, हम बच्चों ने अब तक इस रिवायत को जिन्दा रखा हुआ है । लेकिन हमारे सम्मानित RWA के पदाधिकारियों ने इसका भी टेंटुआं दबाना शुरू कर दिया...धीरे-धीरे एक दिन हम बच्चों में भी फूट पड़ जायेगा...और दुनियां भर में मशहूर "भारतीय पड़ोसी परम्परा" का दम टूट जायेगा ।
अगर बुरा ना माने तो RWA वाले अंकलों से कुछ सवाल पूछना चाहती हूँ .....
जब आपने हमें नीच और अछूत घोषित कर ही दिया, तो अब आपके बच्चे हमारे साथ खेलें...ये बर्दाश्त कर लेंगे आप...घिन्न नहीं आयेगी आपको । भगवान न करें कल आपके साथ कोई दुर्घटना हो जाये, और सिवाय हम अछूत Tenant के अलावा कोई और मददगार ना हो उस मौके पर...तब आप किस मुँह से मदद ले पाओगे ।
अंकल आप लोगों ने वाकई में ये Association यहां रहने वाले Resident के Welfare के लिए बनाया है, या फिर सिर्फ Owners के लिए । एक उपकार और करो हम दो टके के लोगों के लिए, उपर लिखे सभी सवालों को Clear कर दो....ताकि हमारा सामाजिक सौहार्द और RWA से भ्रम टूटे । आप भी मुक्त कंठ से इसे Owner Welfare Association के नाम से पुकारो और हम भी कुछ सोंचे । या तो घुटन भरे इस माहौल में जीना सीख लेंगे ... या ...अगर हमारे मम्मी पापाओं का ज़मीर जाग गया तो TWA(Tenant Welfare Association) टाईप के Option पर विचार करेंगे । वैसे चाचाओं मैनें कई बार पापा को बात करते सुना है कि, अब तो हरिजनों को भी हेय दृष्टि से देखना सुरक्षित नहीं है ... इससे एक समूह की भावनाऐं आहत होती है ... जो भारतीय दण्ड संहिता के दायरे में कानूनी अपराध है । यकीन नहीं होता...तो RWA का एक फतवा बाहर गेट पर टांगो " NO ENTRY FOR SC/ST " देखो दो दिन में कैसे बैंड बज जायेगा आप सबों का । बुरा मत मानना, मेरे कहने का सिर्फ ये मतलब है कि खुद को उँचा दिखाने के लिए Reason तो कम से कम Full Proof ढूंढो । अन्यथा क्या फायदा, किसी भी दिन सामाजिक सौहार्द और नैतिकता, कानून की ऊंगली पकड़कर, तुमसे तुम्हारी ही बलि मांग लेगी ।
तो आपके लिए इतना ही काफी है कि " GET WELL SOON ".
और मेरे Owned घर विहीन बन्धुओं, अब बेईज्जती झेलने की आदत डाल लो .....
मोटा किराया भरने वालों नीच अतिथियों... "अतिथि देव: भव:" इसे भूलकर यहां दिन काटो .....
भगवान जल्दी से जल्दी तुम्हें इस नीच जाति से निकाला दे ......
तुम्हारी Tenant साथी .....
मैथिली सिंह (नेहा)
507, सिएना, महागुन मोजैक - 1,
सेक्टर - 4 , वैशाली, गाज़ियाबाद,
उत्तर प्रदेश
मोबाईल - 1234567890
नोट : इसे पढ़ने के बाद गलती से किसी भी मम्मी-पापा की खुद्दारी उबाल मारे, और गरियाने का मन करे, तो अपनी भड़ास ऊपर लिखे नंबर पर ही निकालना । कहीं और फालतू में पंगा मत ले लेना आप लोग । क्योंकी पत्र में भावनाऐं सिर्फ मेरी है....शब्द मेरे पापा ने डालें हैं ।
खुर्पेंचुं की बेटी को, डस गया tenant दंश ....
कल तक जो सब अंकल थे , आज दिखत हैं कंस ....
जीना तो सीखै पड़ी, भूल समाज औ संस ...
बिन प्रहरी खलिहान है, जो कौवा चुगे या हंस .....